1. उद्गम और प्रवाह
- सतलुज नदी हिमाचल प्रदेश से होकर बहने वाली सबसे लंबी नदी है।
- इसका उद्गम भारतीय सीमा के परे, कैलाश पर्वत के दक्षिणी ढलानों पर मानसरोवर झील के पास से होता है।
- इसका स्रोत तिब्बत में राकस झील है, जहाँ इसे लोंग्चेन खबाब के नाम से जाना जाता है।
- सतलुज हिमाचल प्रदेश में शिपकी में प्रवेश करती है, जो 6,608 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
- यह किन्नौर, शिमला, कुल्लू, सोलन, मंडी और बिलासपुर जिलों से होकर दक्षिण-पश्चिमी दिशा में बहती है।
- यह नदी भाखड़ा में हिमाचल प्रदेश छोड़कर पंजाब के मैदानों में प्रवेश करती है।
- सतलुज अंततः पाकिस्तान में सिंधु नदी में मिल जाती है।
2. पुराने और संस्कृत नाम
- वैदिक नाम: शुतुद्री
- संस्कृत नाम: शतद्रु
3. सहायक नदियाँ
सतलुज की एक जटिल सहायक नदी प्रणाली है।
दाहिनी तट की सहायक नदियाँ:
- स्पीति
- रोपा
- ताइती
- काशांग
- मुलगाँव
- यूला
- वांगेर
- थ्रोंग
- रुपी
बाईं तट की सहायक नदियाँ:
- तिरुंग
- ग्यानथिंग
- बसपा
- दुलिंग
- सोल्दांग
अन्य महत्वपूर्ण सहायक नदी विवरण:
- स्पीति नदी कुनज़ुम रेंज से निकलती है।
- बसपा नदी सतलुज के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सहायक नदी है।
- नोगली खड रामपुर बुशहर के नीचे सतलुज से मिलती है।
- सोन नदी भी सतलुज से मिलती है।
स्पीति नदी
- उद्गम: स्पीति नदी कुनज़ुम रेंज से निकलती है।
- प्रवाह:
- यह स्पीति घाटी से होकर बहती है।
- स्पीति की सहायक नदियों में तेगपो और कबज़ियन धाराएँ शामिल हैं।
- इसे पिन घाटी क्षेत्र से भी पानी मिलता है।
- स्थान और प्रभाव:
- मुख्य हिमालय श्रृंखला के पार इसकी स्थिति का मतलब है कि इसे दक्षिण-पश्चिम मानसून से लाभ नहीं मिलता है।
- ग्लेशियर पिघलने के कारण नदी का प्रवाह गर्मियों के अंत में चरम पर होता है।
- यह किन्नौर जिले के नामगिया में सतलुज से मिलती है।
- स्पीति नदी ऊँचे पहाड़ों के एक बड़े हिस्से से होकर बहती है जो अधिकतर बंजर हैं।
- स्पीति नदी के किनारे मुख्य बस्तियों में हांसी और धंकर गोम्पा शामिल हैं।
- परीक्षा फोकस: उद्गम, स्पीति घाटी से होकर प्रवाह, संगम बिंदु, इसके प्रवाह पर हिमालय का प्रभाव।
बसपा नदी
- उद्गम: बसपा नदी बसपा पहाड़ियों से निकलती है।
- प्रवाह:
- यह छोटी धाराओं से मिलती है जो हिमपिघल को ले जाती हैं।
- बसपा नदी मुख्य हिमालय श्रृंखला को काटती है।
- स्थान और प्रभाव:
- यह किन्नौर जिले में सतलुज में मिल जाती है।
- विशेष रूप से, यह करछम (कल्पा) के पास बाईं तट से सतलुज से मिलती है।
- परीक्षा फोकस: उद्गम, सामान्य प्रवाह, सतलुज के साथ संगम, और इसका जिला संबंध।
नोगली खड
- प्रवाह: नोगली खड बहकर सतलुज से मिलती है।
- स्थान और प्रभाव:
- यह रामपुर बुशहर के नीचे सतलुज से मिलती है।
- नोगली खड कुल्लू जिले के निर्मंड तहसील को छूती है, जो शिमला जिले के रामपुर तहसील के विपरीत है।
- परीक्षा फोकस: सतलुज के साथ संगम बिंदु, और वे जिले जिनसे यह संबंधित है।
सोन नदी
- उद्गम: सोन नदी शिवालिक रेंज (जिसे सोलासिंघी रेंज भी कहा जाता है) के दक्षिणी ढलानों से निकलती है।
- प्रवाह: यह ब्यास गैप के पूर्वी भाग से बहती है।
- स्थान और प्रभाव:
- यह शिवालिक पहाड़ियों के पार अपने गॉर्ज के पास सतलुज नदी में मिलती है, जो हिमाचल प्रदेश और पंजाब के बीच की सीमा बनाती है।
- सोन नदी का ढलान बहुत अधिक नहीं है।
- इसका प्रवाह काफी भिन्न होता है: गर्मियों में कम, मानसून के दौरान अधिक।
- परीक्षा फोकस: उद्गम, प्रवाह, और सतलुज के साथ इसका संगम बिंदु।
4. जलग्रहण क्षेत्र और प्रवाह
- सतलुज का एक पर्याप्त जलग्रहण क्षेत्र है।
- इसका जलग्रहण क्षेत्र लगभग 50140 वर्ग किमी है जो 4500 मीटर की ऊँचाई पर स्थायी हिम रेखा से ऊपर स्थित है।
- सतलुज घाटी के ऊपरी इलाकों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा स्थायी हिम आवरण के नीचे है।
5. मानव बस्तियाँ
सतलुज के किनारों पर कई महत्वपूर्ण बस्तियाँ स्थित हैं। इनमें शामिल हैं:
- नामगिया
- कल्पा
- रामपुर
- तत्तापानी
- सुन्नी
- बिलासपुर
6. बांध और जलविद्युत परियोजनाएँ
सतलुज जलविद्युत उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है।
- भाखड़ा बांध, जो दुनिया के सबसे ऊँचे गुरुत्वाकर्षण बांधों में से एक है, इस नदी पर बना है।
- अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं में नाथपा झाकड़ी परियोजना और कोल बांध परियोजना शामिल हैं।
7. लंबाई
सतलुज नदी की कुल लंबाई लगभग 1,448 किमी है।