प्रस्तुत है गिरिराज साप्ताहिक (19-25 मार्च, 2025) 

  • कुल ₹58,514 करोड़ का बजट प्रस्तुत किया गया, जिसका लक्ष्य आत्मनिर्भर हिमाचल बनाना है।
  • नई योजनाएं: राजीव गांधी वन संवर्द्धन योजना, मुख्यमंत्री पर्यटन स्टार्टअप योजना, राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना, इंदिरा गांधी सुख सुरक्षा योजना, इंदिरा गांधी मातृ-शिशु संकल्प योजना, आचार्य चरक योजना, मुख्यमंत्री लघु दुकानदार कल्याण योजना, मुख्यमंत्री स्वच्छ जल शोधन योजना, मुख्यमंत्री वृद्ध जन योजना और हिम परिवार परियोजना शुरू करने की घोषणा की गई।
  • प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) 2024-25 में प्रचलित भावों पर ₹2,32,185 करोड़ अनुमानित है, जिसमें 10.2% की वृद्धि है।
  • प्रति व्यक्ति आय 2024-25 में ₹2,57,212 अनुमानित है, जो 9.6% की वृद्धि दर्शाती है।
  • 2025-26 में 25 हजार युवाओं को रोजगार प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है।
  • ‘इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना’ का विस्तार करते हुए 1 जनवरी 2025 से 31 मार्च 2026 के बीच 21 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाली बेटियों और 1 जून 2025 से घरेलू सहायिकाओं को भी शामिल किया जाएगा।
  • विकलांग व्यक्तियों के विवाह हेतु प्रोत्साहन राशि ₹50 हजार से बढ़ाकर ₹2 लाख की गई।
  • गाय के दूध का खरीद मूल्य ₹45 से ₹51 प्रति लीटर तथा भैंस के दूध का ₹55 से ₹61 प्रति लीटर किया गया।
  • प्राकृतिक खेती से उगाए गए मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹30 से ₹40 तथा गेहूं का ₹40 से ₹60 प्रति किलो किया गया।
  • आगामी वित्त वर्ष से प्राकृतिक कच्ची हल्दी के लिए MSP ₹90 प्रति किलो करने की घोषणा की गई।
  • जिला हमीरपुर में एक स्पाइस पार्क और ऊना जिले में पोटेटो प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किया जाएगा।
  • ‘हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण संवर्धन परियोजना’ हेतु ₹154 करोड़ का व्यय प्रस्तावित है, जिसके तहत 100 गांवों में सिंचाई योजनाओं का निर्माण होगा।
  • कांगड़ा जिले के बनखण्डी में निर्माणाधीन जूलॉजिकल पार्क के साथ एक अत्याधुनिक ‘प्लेनेटेरियम’ स्थापित किया जाएगा।
  • शिमला शहरी परिवहन रोपवे परियोजना (₹1734 करोड़) को प्रशासनिक स्वीकृति दी गई (पहले के अंक में ₹1546.40 करोड़ उल्लेखित था, यह बजट में ₹1734 करोड़ है)।
  • बिलासपुर के घुमारवीं में ‘डिजिटल यूनिवर्सिटी ऑफ इनोवेशन, आंत्रप्रेन्योरशिप, स्किल, एंड वोकेशनल स्टडीज’ की स्थापना की जाएगी (PPP मोड)।
  • 31 मार्च 2026 तक हिमाचल को ‘हरित ऊर्जा राज्य’ बनाने का लक्ष्य।
  • कांगड़ा के डमटाल में 200 मेगावॉट का सोलर प्रोजेक्ट तथा ‘ग्रीन पंचायत योजना’ के तहत 100 पंचायतों में 500-500 किलोवॉट के सोलर प्रोजेक्ट लगाने की घोषणा।
  • 2030 तक प्लास्टिक उन्मूलन के लक्ष्य हेतु “प्लास्टिक न्यूट्रल हिमाचल” अभियान शुरू किया जाएगा।
  • जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने के लिए ‘क्लाइमेट रेसिलिएंट विलेजेज (CRV) प्रोग्राम’ शुरू किया जाएगा।
  • प्रदेश में ‘हिम परिवार परियोजना’ शुरू की गई है, जिसके तहत परिवारों को हिम परिवार आईडी और हिम एक्सेस कार्ड वितरित किए जा रहे हैं। 

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