1. उद्गम और निर्माण

  • चिनाब नदी दो प्रमुख धाराओं के संगम से बनती है: चंद्रा और भागा
  • चंद्रा और भागा नदियाँ बारालाचा दर्रे के विपरीत किनारों से निकलती हैं।
  • बारालाचा दर्रा लगभग 4,891 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
  • इन दोनों नदियों का संगम तांडी में, 2,286 मीटर की ऊँचाई पर होता है।

2. प्रवाह और धारा

  • चंद्रा धारा बारालाचा दर्रे के दक्षिण-पूर्व से निकलती है, और भागा धारा दर्रे के उत्तर-पश्चिम से निकलती है।
  • चिनाब नदी चंबा जिले की पांगी घाटी में प्रवेश करती है।
  • यह संसारी नाला में चंबा जिले को छोड़ती है।
  • चिनाब फिर कश्मीर की पोदार घाटी में बहती है।

3. सहायक नदियाँ

चिनाब नदी को कई सहायक नदियों से भी पानी मिलता है।

मुख्य सहायक नदियाँ:

  • मियार नाला (लाहौल में मिलती है)
  • सैचर नाला (पांगी घाटी में मिलती है)
  • जम्मू तवी
  • मुनव्वरवाली

चिनाब नदी की सहायक नदियाँ: विस्तृत विवरण

चिनाब नदी, जो चंद्रा और भागा नदियों के संगम से बनती है, में कुछ महत्वपूर्ण सहायक नदियाँ हैं जो इसके प्रवाह में योगदान करती हैं।

  • मियार नाला: यह लाहौल क्षेत्र में चिनाब से मिलता है।
  • सैचर नाला: यह पांगी घाटी में चिनाब से मिलता है।
  • जम्मू तवी: यह चिनाब के निचले प्रवाह में एक सहायक नदी है।
  • मुनव्वरवाली नदी: यह सहायक नदी दून घाटी में स्थित है।

4. पैमाना और महत्व

  • चिनाब जल की मात्रा की दृष्टि से हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी नदी है।
  • इसकी कुल लंबाई लगभग 1,200 किलोमीटर है।
  • चिनाब नदी का जलग्रहण क्षेत्र विस्तृत है, जिसका कुल क्षेत्रफल 61,000 वर्ग किलोमीटर है।
  • इस कुल जलग्रहण क्षेत्र में से लगभग 7,500 वर्ग किलोमीटर हिमाचल प्रदेश के भीतर स्थित है।

5. भूवैज्ञानिक संदर्भ

  • चिनाब घाटी को एक संरचनात्मक गर्त के रूप में वर्णित किया गया है।
  • यह गर्त ग्रेट हिमालयन और पीर पंजाल पर्वतमालाओं द्वारा बनता है।

6. मानव बस्तियाँ

चिनाब नदी के किनारे कई बस्तियाँ विकसित हुई हैं। महत्वपूर्ण बस्तियों में शामिल हैं:

  • उदयपुर
  • किल्लाड़
  • डोडा
  • रामबन

7. संगम

चिनाब अंततः पाकिस्तान के मिथानकोट में सिंधु नदी से मिलती है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page

Scroll to Top