आपदा राहत एवं प्रबंधन

  • आपदा प्रभावितों को किराया: सरकार भारी वर्षा से क्षतिग्रस्त हुए मकानों के प्रभावित परिवारों को किराये के मकान में रहने के लिए पांच हजार रुपये मासिक किराया प्रदान करेगी। 
  • क्षति का आकलन: प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन से जल शक्ति विभाग की 3,698 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिससे लगभग 240 करोड़ रुपये की क्षति का अनुमान है।
  • बहाली कार्य युद्धस्तर पर: मंडी जिले के थुनाग और जंजैहली जैसे सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास के कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं।
  • सड़कें और पेयजल योजनाएं प्रभावित: राज्य भर में लगभग 392 सड़कें यातायात के लिए बाधित हुई हैं और 790 पेयजल आपूर्ति योजनाओं को नुकसान पहुंचा है।
  • बांधों की निगरानी के निर्देश: मंडी, कुल्लू और कांगड़ा के उपायुक्तों को बड़े बांधों की कड़ी निगरानी रखने और नियमों का उल्लंघन होने पर डैम सेफ्टी एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

सरकारी योजनाएं एवं घोषणाएं

  • हिमकेयर योजना में बदलाव: हिमकेयर कार्ड अब हर वर्ष तिमाही आधार पर (मार्च, जून, सितंबर और दिसंबर में) बनाए जाएंगे और उनकी वैधता एक वर्ष की होगी। 5.80 लाख से अधिक लाभार्थियों को इस योजना के तहत लगभग 810 करोड़ रुपये का लाभ प्रदान किया गया है।
  • विदेश में रोजगार के लिए पोर्टल: युवाओं को विदेश में रोजगार के अवसर दिलाने में मदद के लिए एक समर्पित वेबसाइट और मोबाइल एप्लीकेशन विकसित की जाएगी। हिमाचल प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (HPSEDC) एक पंजीकृत भर्ती एजेंसी के रूप में कार्य करेगी।
  • गद्दी समुदाय को राहत: सरकार आगामी बजट में ऊन के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि का प्रस्ताव शामिल करेगी और भेड़-बकरी के नुकसान पर दी जाने वाली मुआवजा राशि को भी बढ़ाया जाएगा। 
  • प्राकृतिक खेती को बढ़ावा: प्राकृतिक विधि से उगाई गई हल्दी का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 90 रुपये प्रति किलोग्राम तय किया गया है। इससे पहले मक्की और गेहूं के लिए क्रमशः 40 और 60 रुपये प्रति किलोग्राम का एमएसपी दिया जा रहा था।
  • सामाजिक सुरक्षा पेंशन: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने 15 जून, 2025 से सभी कल्याण योजनाओं के लिए आवेदन ऑनलाइन कर दिए हैं, जो himparivar.hp.gov.in पोर्टल के माध्यम से किए जा सकते हैं। 

बुनियादी ढांचा एवं परिवहन

  • सड़क निर्माण के लिए 3667 करोड़: केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए प्रदेश में सड़कों और पुलों के निर्माण हेतु 3667 करोड़ रुपये की वार्षिक योजना को मंजूरी दी है।
  • जलोड़ी जोत सुरंग को मंजूरी: केंद्र सरकार ने कुल्लू जिले में राष्ट्रीय उच्च मार्ग-305 पर जलोड़ी जोत के नीचे सुरंग निर्माण के लिए 1452 करोड़ रुपये की सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की है।
  • अन्य महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाएं:
    • काला अंब-पांवटा साहिब-देहरादून सड़क के चार-लेन निर्माण के लिए 1385 करोड़ रुपये स्वीकृत। 
    • मंडी और कुल्लू को जोड़ने वाली भुभू जोत सुरंग का मामला केंद्रीय रक्षा मंत्री के समक्ष उठाया गया। 
  • परिवहन बेड़े में 24 नई वोल्वो बसें शामिल: मुख्यमंत्री ने सोलन के क्यारीघाट से 24 ‘स्टेट ऑफ द आर्ट’ वोल्वो बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 
  • ग्रीन एनर्जी स्टेट का लक्ष्य: प्रदेश को ‘ग्रीन एनर्जी स्टेट’ बनाने की प्रतिबद्धता के तहत हाइड्रोजन चालित बसों को बढ़ावा देने और चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने पर कार्य किया जा रहा है। 

स्वास्थ्य सेवाएं

  • आदर्श स्वास्थ्य संस्थान: प्रदेश के सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में एक-एक ‘आदर्श स्वास्थ्य संस्थान’ खोला जाएगा, जिसमें 134 प्रकार की प्रयोगशाला सुविधाएं और विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती होगी।
  • रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत: शिमला के चमियाणा स्थित अटल इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशलिटीज (AIMSS) में 28 करोड़ रुपये की लागत से खरीदे गए रोबोट से ऑपरेशन शुरू किए जाएंगे। 
  • स्वास्थ्य संस्थानों का उन्नयन: काजा नागरिक अस्पताल को 20 से 50 बिस्तरों में, तथा सुजानपुर, सुन्नी और हरोली के अस्पतालों को 50 से 100 बिस्तरों में स्तरोन्नत किया गया है।
  • वृद्धजन देखभाल योजना: 70 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजनों के लिए घर-द्वार पर स्वास्थ्य जांच सुविधाएं प्रदान करने हेतु ‘मुख्यमंत्री वृद्धजन देखभाल योजना’ पर कार्य किया जा रहा है।
  • पैलिएटिव देखभाल अभियान: सरकार शीघ्र ही गंभीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों और वृद्धजनों के लिए घर पर चिकित्सा सेवाएं सुनिश्चित करने हेतु ‘पैलिएटिव देखभाल अभियान’ शुरू करेगी।

शिक्षा एवं खेल

  • खिलाड़ियों को विशेष अवकाश: राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले छात्र-खिलाड़ियों को अब स्कूल में अनुपस्थित नहीं माना जाएगा, बल्कि उन्हें ‘विशेष अवकाश’ दिया जाएगा। 

अंतरराष्ट्रीय विजेताओं की सम्मान राशि में वृद्धि: सरकार ने 21 अंतरराष्ट्रीय पदक विजेताओं को बढ़ी हुई पुरस्कार राशि के साथ 14.77 करोड़ रुपये से सम्मानित किया है।

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