गिरिराज साप्ताहिक (15-21 जनवरी, 2025) 

  • बीपीएल सूची में शामिल करने हेतु नए मानदंड स्वीकृत: अब डेढ़ लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवार, 18 से 59 वर्ष के आयुवर्ग के बीच बिना वयस्क सदस्य वाले परिवार, महिला मुखिया वाले परिवार, 50% से अधिक विकलांगता वाले मुखिया वाले परिवार, मनरेगा में 100 दिन काम करने वाले परिवार तथा गंभीर बीमारियों (कैंसर, अल्जाइमर, पार्किंसंस, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, थैलेसीमिया आदि) से पीड़ित कमाऊ सदस्य वाले परिवार बीपीएल सूची में शामिल हो सकेंगे।
  • हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (हिप्पा) का नाम बदलकर डॉ. मनमोहन सिंह हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान करने को मंजूरी दी गई।
  • ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम के लिए दिशा-निर्देशों को मंजूरी: इसका उद्देश्य दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों में लोगों की शिकायतों का निवारण करना है।
  • हिमाचल प्रदेश सद्भावना विरासत मामले समाधान योजना-2025 को स्वीकृति: इसके तहत वैट, सीएसटी, प्रवेश कर आदि पूर्व-जीएसटी अधिनियमों के तहत लंबित मामलों और बकाया का निपटान किया जाएगा। इससे पहले यह योजना गैर-समाहित अधिनियमों (जैसे पेट्रोलियम उत्पादों पर राज्य वैट) के लिए भी विस्तारित की गई थी।
  • खैर के पेड़ों की कटाई पर प्रतिबंध: सफेदा, पापुलर और बांस को छोड़कर, अन्य पेड़ों की कटाई पर दस वर्षीय कार्यक्रम के अनुसार प्रतिबंध लगाने को मंजूरी।
  • नालागढ़ में एक मेगावॉट क्षमता के हरित हाइड्रोजन प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई, जिसका क्रियान्वयन एचपीपीसीएल द्वारा किया जाएगा।
  • पम्प स्टोरेज परियोजनाओं के लिए हरित ऊर्जा विकास शुल्क लगाया जाएगा (पहले 10 वर्ष ₹2.5 लाख/मेगावॉट/वर्ष, फिर ₹5 लाख/मेगावॉट/वर्ष)।
  • पर्यटन क्षेत्र में अधोसंरचना निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण पर ₹2415 करोड़ व्यय किए जाएंगे। इसमें शिवधाम (मंडी) पर ₹150.27 करोड़ और बाबा बालक नाथ मंदिर सौंदर्यीकरण पर ₹51.70 करोड़ शामिल हैं।
  • नादौन, नगरोटा बगवां, मनाली व कुल्लू में ₹280.39 करोड़ की लागत से वैलनेस सेंटर विकसित किए जाएंगे।
  • एचपी शिवा परियोजना (कुल लागत ₹1292 करोड़, एशियाई विकास बैंक द्वारा वित्तपोषित) के तहत सात जिलों में 6000 हेक्टेयर क्षेत्र को बागबानी के तहत लाया जाएगा, जिससे 15 हजार से अधिक बागबान परिवार लाभान्वित होंगे।
  • ऊना जिले के लिए नाबार्ड के तहत ₹40 करोड़ लागत की चार नई सड़क परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं।
  • ‘डॉ. वाई.एस. परमार विद्यार्थी ऋण योजना’: प्रदेश सरकार द्वारा 20 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण मात्र एक प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध करवाया जा रहा है।
  • शिमला के तारा देवी मंदिर के आस-पास के क्षेत्र को हरित क्षेत्र (Green Belt) के दायरे में लाने का निर्णय लिया गया।
  • हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) ने दिल्ली में डीटीसी के राजघाट डिपो में अपने चालकों एवं परिचालकों के लिए नवनिर्मित विश्राम कक्ष का निर्माण किया; हिमाचल ऐसी व्यवस्था करने वाला पहला राज्य है।

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