गिरिराज साप्ताहिक (15-21 जनवरी, 2025) का संपादकीय

प्रस्तुत है गिरिराज साप्ताहिक के 15-21 जनवरी, 2025 अंक में प्रकाशित संपादकीय लेख “चिकित्सा संस्थानों का आधुनिकीकरण”। यह लेख प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में किए जा रहे सुधारों, निवेश और आधुनिकीकरण की योजनाओं पर प्रकाश डालता है।

संपादकीय (जैसा पत्रिका में है):

चिकित्सा संस्थानों का आधुनिकीकरण

खुशहाल जीवन जीने के लिए प्रत्येक व्यक्ति का शारीरिक तथा मानसिक रूप से तंदरूस्त होना बहुत जरूरी है। अच्छा स्वास्थ्य ही हमारे जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। स्वस्थ काया वाला व्यक्ति ही अपने विवेकशील व्यवहार से समाज में सकारात्मक सोच को विकसित करता है जिससे स्वस्थ समाज की नींव पड़ती है। आम जनता को उच्च-स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं उसके घरद्वार पर सुलभ हो इसके लिए हिमाचल प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र का कायाकल्प करने के लिए सुदृढ़ संकल्प लिया है। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं घरद्वार पर ही मिलें, इसके लिए प्रदेश के आईजीएमसी शिमला, टांडा चिकित्सा महाविद्यालय और नैरचौक चिकित्सा महाविद्यालय में थ्री टेस्ला एमआरआई मशीन की खरीद के लिए 85 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इस अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण के स्थापित होने से सटीक और गहन विश्लेषण की आवश्यकता वाले चिकित्सा मामलों की जांच में सहायता मिलेगी और मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी।

सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए आगामी समय में 1500 करोड़ खर्च करेगी ताकि स्वास्थ्य संस्थानों को अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया जा सके। इससे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं राज्य में ही सुलभ होगी तथा उन्हें उपचार के लिए प्रदेश से बाहर नहीं जाना पड़ेगा जिससे राज्य की आर्थिकी को भी प्रोत्साहन मिलेगा। इस प्रकार स्वास्थ्य जगत में बड़े बदलाव को लेकर राज्य सरकर कार्य कर रही है। प्रदेश में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को सेमी ऑटोमेटिक लेबोरेटरीज, अल्ट्रासाउंड मशीनों और आईसीयू जैसी बेहतर सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। इसी दिशा में राज्य के सभी सिविल और जोनल अस्पतालों में भी पूरी तरह से स्वचालित ऑटो ऐनेलाइजर, डिजिटल एक्स-रे अल्ट्रासाऊंड मशीनें और मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर शीघ्र स्थापित किए जाएंगे। इन आधुनिक सुविधाओं की उपलब्धता से रोगियों को बेहतर उपचार मिलेगा और डॉक्टर भी उनके रोगों का शीघ्र निदान कर सकेंगे। इससे लोगों को शीघ्र बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं तो मिलेगी ही साथ ही उनके बहुमूल्य समय और पैसे की बचत भी होगी।

हिमाचल प्रदेश के लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और बीमारियों की रोकथाम के लिए राज्य सरकार द्वारा ‘हर दिन सेहत’ अभियान भी शुरू किया गया है। इस व्यापक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम के तहत आईजीएमसी शिमला और सिस्टर निवेदिता नर्सिंग कॉलेज के विद्यार्थी विभिन्न स्थानों पर हेल्थ टॉक्स का आयोजन कर लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के प्रति जागरूक करेंगे। ये गतिविधियां आईजीएमसी शिमला के विभिन्न वार्डों, ओपीडी और शिमला नगर निगम के अन्तर्गत विभिन्न स्थानों पर आयोजित की जाएंगी ताकि बीमारियों की रोकथाम व सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में लोगों के बीच जागरूकता लाने के साथ-साथ लोगों को सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं एवं योजनाओं के प्रभावी उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

वर्तमान प्रदेश सरकार मरीजों को सर्वसुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से 45 विधानसभा क्षेत्रों के आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों में -छः स्पेशलिस्ट डॉक्टर तैनात किए गए हैं और बाकी विधानसभा क्षेत्रों में भी इसी प्रकार के आदर्श स्वास्थ्य संस्थान बनाने के लिए प्रक्रिया जारी है। प्रदेश सरकार लोगों को घरद्वार पर उच्च गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश के डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर में 300 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त कैंसर केयर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस भी स्थापित किया जाएगा जिसमें राज्य की पहली साइकलोट्रॉन मशीन के साथ रेडिएशन और न्यूक्लियर मेडिसिन थैरेपी की सुविधा भी उपलब्ध होगी। इसके अतिरिक्त प्रदेश में उपचार सुविधाएं बढ़ाने के लिए जोनल अस्पताल, क्षेत्रीय अस्पताल व जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में इन-हाउस लैबोरेटरी स्थापित करने पर भी विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। जोनल और सिविल अस्पतालों में मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर स्थापित किए जाएंगे ताकि लोगों को उपचार के लिए प्रदेश के बाहर न जाना पड़े। हिमाचल प्रदेश को एक पर्यटन राज्य के रूप में तो जाना ही जाता है। अब राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं के स्तरोन्नयन के लिए पर्याप्त धनराशि मुहैया कर प्रदेश को मेडिकल टूरिज्म की दृष्टि से भी विकसित कर रही है।


संपादकीय का विवरण (Description):

यह संपादकीय, “चिकित्सा संस्थानों का आधुनिकीकरण”, हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में किए जा रहे व्यापक सुधारों और आधुनिकीकरण के प्रयासों पर केंद्रित है। इसका मूल उद्देश्य प्रदेशवासियों को उनके घर-द्वार के निकट उच्च-स्तरीय एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है।

मुख्य विषय और चर्चा के बिंदु:

  1. स्वास्थ्य का महत्व: लेख की शुरुआत अच्छे स्वास्थ्य को खुशहाल जीवन और स्वस्थ समाज की नींव बताते हुए की गई है।
  2. सरकारी संकल्प और वित्तीय निवेश:
    • वर्तमान प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र के कायाकल्प का संकल्प लिया है।
    • आईजीएमसी शिमला, टांडा और नैरचौक चिकित्सा महाविद्यालयों में ‘थ्री टेस्ला एमआरआई मशीन’ की खरीद के लिए ₹85 करोड़ जारी किए गए हैं।
    • स्वास्थ्य क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण हेतु आगामी समय में ₹1500 करोड़ खर्च करने की योजना है ताकि संस्थानों को अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया जा सके।
  3. संस्थाओं का उन्नयन:
    • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHCs): इन्हें सेमी-ऑटोमेटिक लेबोरेटरीज, अल्ट्रासाउंड मशीनों और आईसीयू सुविधाओं से लैस किया जा रहा है।
    • सिविल और जोनल अस्पताल: इनमें पूरी तरह से स्वचालित ऑटो एनेलाइजर, डिजिटल एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड मशीनें और मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर स्थापित किए जाएंगे।
  4. स्वास्थ्य जागरूकता और मानव संसाधन:
    • ‘हर दिन सेहत’ अभियान: आईजीएमसी शिमला और सिस्टर निवेदिता नर्सिंग कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा स्वास्थ्य जागरूकता हेतु हेल्थ टॉक्स का आयोजन।
    • आदर्श स्वास्थ्य संस्थान: 45 विधानसभा क्षेत्रों के आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों में 6-6 स्पेशलिस्ट डॉक्टर तैनात किए गए हैं, और शेष क्षेत्रों में भी यह प्रक्रिया जारी है।
  5. विशिष्ट स्वास्थ्य सुविधाएं:
    • कैंसर केयर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस: हमीरपुर के डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय में ₹300 करोड़ की अनुमानित लागत से स्थापित किया जाएगा। इसमें राज्य की पहली साइक्लोट्रॉन मशीन, रेडिएशन और न्यूक्लियर मेडिसिन थैरेपी की सुविधा होगी।
    • इन-हाउस लैबोरेटरी: जोनल, क्षेत्रीय, जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में स्थापित करने पर विशेष ध्यान।
  6. मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा:
    • स्वास्थ्य सुविधाओं के स्तरोन्नयन के माध्यम से प्रदेश को मेडिकल टूरिज्म की दृष्टि से भी विकसित करने का लक्ष्य है।

प्रतियोगी परीक्षा की दृष्टि से महत्व:

यह संपादकीय हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र से संबंधित सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं, वित्तीय निवेशों और नीतिगत प्राथमिकताओं पर प्रकाश डालता है। इसमें उल्लिखित विशिष्ट उपकरण (जैसे थ्री टेस्ला एमआरआई, साइक्लोट्रॉन मशीन), योजनाएं (‘हर दिन सेहत’ अभियान), संस्थानों का उन्नयन (आदर्श स्वास्थ्य संस्थान, कैंसर केयर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस), और मेडिकल टूरिज्म जैसी अवधारणाएं प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यह लेख स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण और आम जनता तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करने की सरकारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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