गिरिराज साप्ताहिक (01-07 जनवरी, 2025) का संपादकीय
प्रस्तुत है गिरिराज साप्ताहिक के 01-07 जनवरी, 2025 अंक में प्रकाशित संपादकीय लेख “करुणामयी सरकार”। यह लेख प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हिमाचल प्रदेश सरकार की कर्मचारी कल्याण, करुणामूलक नियुक्तियों और रोजगार सृजन से संबंधित नीतियों और दृष्टिकोण पर प्रकाश डालता है।
संपादकीय (जैसा पत्रिका में है):
करुणामयी सरकार
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान प्रदेश सरकार ने प्रारम्भ से ही कर्मचारी हितों की सशक्त पैरवी की है। अपने प्रथम मंत्रिमंडलीय निर्णय में ही सरकार ने एक लाख 36 हजार एन.पी.एस. कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने का साहसी निर्णय लिया। इस निर्णय को लेते समय सरकार ने राजनीतिक इच्छाशक्ति का सद्-परिचय दिया। उत्तरोत्तर कर्मचारी हितैषी होने का परिचय देने वाली प्रदेश सरकार ने शिक्षित युवाओं के हितों की रक्षा के लिए कर्मचारी चयन आयोग को भंग कर अनैतिक कार्यकलापों पर पूर्ण-विराम लगाने का कार्य किया। भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के साथ-साथ वर्तमान प्रदेश सरकार ने युवाओं में विश्वास स्थापित करने के लिए अनेक कदम उठाए। चयन आयोग की कार्यप्रणाली में बदलाव लाते हुए और इसकी स्वायतत्ता को बरकरार रखते हुए सरकार ने इसके माध्यम से नियुक्तियां प्रारंभ कर दी हैं। लम्बे समय से रुके हुए विभिन्न पोस्ट कोड के परिणाम न केवल घोषित किए अपितु 2200 से अधिक युवाओं को नई नियुक्तियां दी गई।
इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश की संवेदनशील सरकार ने करुणामूलक आधार पर नियुक्तियों की राह देख रहे हजारों आवेदकों के लिए नई नीति लाने की घोषणा की है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य उन युवाओं को रोजगार मुहैया करवाना है जो लंबे समय से करुणामूलक आधार पर सरकारी नौकरी की आस लगाए बैठे हैं। सरकार ऐसे लंबित मामलों को एक ही बार में निपटाने के लिए प्रयास कर रही है। सरकार ने सम्बन्धित अधिकारियों को करुणामूलक आधार पर रोज़गार प्रदान करने के लिए आवेदकों का विभाग, आयु तथा शैक्षणिक योग्यता अनुसार डाटा संकलित कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार सेवा के दौरान अपने परिवार के सदस्यों को खोने वाले व्यक्तियों को सरकारी क्षेत्र में रोजगार प्रदान करने के लिए उदार तथा सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण अपना रही है। राज्य सरकार अधिक से अधिक आवेदकों को लाभान्वित करने के लिए सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए करुणामूलक आधार पर रोजगार प्रदान करने में विधवाओं तथा अनाथों को वरीयता देकर आश्रितों के कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाने का कार्य कर रही है। सरकार ने अनुकंपा नियुक्तियों के मामलों के गहन अध्ययन के लिए शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उप-समिति का गठन भी किया है। तकनीकी शिक्षा मंत्री और आयुष मंत्री इस उप-समिति के सदस्य हैं।
इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार ने रोज़गार व स्वरोजगार प्रदान करने के लिए अनेक कदम उठाए है। सरकार ने अपने दो वर्ष के कार्यकाल के दौरान प्रदेश में 31 हजार पदों को भरने का कार्य किया है। बेरोजगार युवाओं को सरकारी क्षेत्र में रोजगार प्रदान करने के अलावा उनके लिए स्वरोजगार के अवसर सृजित करने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार पर्यटन, ऊर्जा व हरित ऊर्जा के क्षेत्रों को बढ़ावा देने के साथ-साथ इनमें रोजगार के अवसरों के सृजन को भी अधिमान दे रही है ताकि प्रदेश के युवा सरकारी क्षेत्र के अलावा स्वरोजगार अपनाने के लिए भी प्रोत्साहित हो सकें। युवाओं के लिए स्वरोजगार तथा रोज़गार के अवसर सृजित करने के लिए हिमाचल सरकार राज्य में जल ऊर्जा पर्यटन को बढ़ावा देने पर विचार कर रही है। सरकार इस सम्बन्ध में नीति तैयार कर रही है तथा सरकार ऊर्जा विभाग के माध्यम से विद्युत परियोजना डेवलपर्स को प्रशिक्षण देगी। इसके अलावा सरकार ने युवाओं को स्वरोजगार प्रदान करने के लिए 680 करोड़ की राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना पहले ही आरम्भ की है। जिसके प्रथम चरण में ‘राजीव गांधी ई-टैक्सी’ योजना के तहत ई-टैक्सी खरीदने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान दिया गया जिसके अंतर्गत दस हज़ार परमिट देने की प्रक्रिया जारी है। दूसरे चरण में निजी भूमि पर 45 प्रतिशत अनुदान पर 100 से 500 किलोवॉट तक के सोलर पैनल लगाने का प्रावधान किया है। तीसरे चरण में ‘राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्ट-अप’ योजना भी आरम्भ की गई है। प्रदेश सरकार रोज़गार व आय सृजन दोनों के लिए संकल्पबद्ध है। सरकार के ये कदम कल्याणकारी, उत्तरदायी व संवेदनशीलता के प्रतिबिंब हैं जो लोगों की समस्याओं को उनके बीच जाकर जानने का प्रयास कर उनका समाधान खोज रही है। यही लोकतंत्र की मूल भावना भी है। प्रदेश सरकार की संवेदनशील नीतियां निःसंदेह ही राज्य के युवाओं की दशा व दिशा तय करने में कारगर साबित होंगी।
संपादकीय का विवरण (Description):
यह संपादकीय, “करुणामयी सरकार”, हिमाचल प्रदेश की वर्तमान सरकार के कर्मचारी-हितैषी और जन-कल्याणकारी दृष्टिकोण पर प्रकाश डालता है। लेख में सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों, विशेषकर पुरानी पेंशन योजना की बहाली, भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता, और करुणामूलक नियुक्तियों के प्रति संवेदनशीलता का उल्लेख किया गया है।
संपादकीय के मुख्य बिंदु:
- कर्मचारी कल्याण:
- सरकार ने अपने पहले ही मंत्रिमंडलीय निर्णय में 1.36 लाख एन.पी.एस. कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाल की।
- कर्मचारी चयन आयोग को भंग कर भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और युवाओं का विश्वास जीतने का प्रयास किया गया। 2200 से अधिक युवाओं को रुकी हुई नियुक्तियां दी गईं।
- करुणामूलक नियुक्तियां:
- सरकार करुणामूलक आधार पर नौकरी की प्रतीक्षा कर रहे हजारों आवेदकों के लिए एक नई नीति लाने की घोषणा कर चुकी है, जिसका उद्देश्य लंबित मामलों का एकमुश्त निपटारा करना है।
- इस नीति में विधवाओं और अनाथों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- मामलों के अध्ययन के लिए शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में एक मंत्रिमंडलीय उप-समिति का गठन किया गया है।
- रोजगार एवं स्वरोजगार सृजन:
- सरकार ने दो वर्षों में 31 हजार पदों को भरा है।
- पर्यटन, ऊर्जा, और हरित ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में रोजगार सृजन को प्राथमिकता दी जा रही है।
- जल ऊर्जा पर्यटन: इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए नीति तैयार की जा रही है और विद्युत परियोजना डेवलपर्स को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना (₹680 करोड़):
- प्रथम चरण (‘राजीव गांधी ई-टैक्सी’ योजना): ई-टैक्सी खरीदने के लिए 50% अनुदान, दस हजार परमिट देने की प्रक्रिया जारी।
- द्वितीय चरण: निजी भूमि पर 100 से 500 किलोवॉट तक के सोलर पैनल लगाने हेतु 45% अनुदान।
- तृतीय चरण (‘राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्ट-अप’ योजना): यह भी आरंभ की गई है।
- सरकार का दृष्टिकोण:
- संपादकीय सरकार के प्रयासों को कल्याणकारी, उत्तरदायी और संवेदनशील बताता है, जो लोगों की समस्याओं को समझकर उनका समाधान करने की दिशा में कार्य कर रही है, इसे लोकतंत्र की मूल भावना के अनुरूप माना गया है।
प्रतियोगी परीक्षा की दृष्टि से महत्व:
यह संपादकीय हिमाचल प्रदेश सरकार की प्रमुख नीतियों और योजनाओं का एक महत्वपूर्ण अवलोकन प्रदान करता है, जो प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अत्यंत प्रासंगिक हैं। पुरानी पेंशन योजना की बहाली, करुणामूलक नियुक्तियों के लिए नई नीति, और विशेष रूप से ‘राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना’ के विभिन्न चरण और उनके प्रावधान परीक्षा में पूछे जा सकने वाले महत्वपूर्ण तथ्य हैं। इसके अतिरिक्त, जल ऊर्जा पर्यटन जैसी नवीन पहलों और विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार सृजन के सरकारी प्रयास भी महत्वपूर्ण हैं। यह लेख सरकार की प्राथमिकताओं और कल्याणकारी राज्य की दिशा में उठाए गए कदमों को समझने में मदद करता है।